शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

मेरी नथ उतरी

आशा की चुदाई
मेरा नाम आशा त्रिपाठी है।मैं 36 साल की सुन्दर सेक्सी महिला हुॅ।मेरा साईज 36 36 40 है।मेरी शादी एक व्यापारी से हुईं है। मेरा परिवार संयुक्त परिवार है।मैं लंड की भुखी हुॅ ये कहानी मेरी नथ उतराई की है मेरी नथ मेरे विद्यालय के प्रिंसिपल जो की मेरी सहेली के पिताजी थे उन्होंने ही उतारी।
सहेली - मीरा उम्र-16
सहेली के पापा और प्रिंसिपल - दयानंद ओझा उम्र - 39
मेरी माॅ - ललिता उम्र - 38
मेरे पापा - महेन्द्र मिश्रा उम्र 41
मेरी बड़ी दीदी - नीलम उम्र -- 21
मेरी छोटी दीदी - रानी उम्र - 19
मैं - आशा उम्र- 15
कंचन - मेरी और मीरा की सहेली उम्र - 16
कुसुम - कंचन की दीदी उम्र 22
मेरी बहनों की शादी हो गई थी।ये आज से 21 साल पहले की घटना है मैं और मीरा बचपन से हि साथ रहते खाते पढते और सोते भी थे मीरा की माँ मीरा 2 साल की थी तो गुजर गई थी तो मेरी माँ ने हि उसको पाला पोसा।ऑटी के गुजरने के बाद अंकल हमारे यहाँ हि खाते थे मेरे पापा प्रोफेसर थे उनका तबादला दुसरी जगह था।अंकल हि हमारा ख्याल रखते थे।मेरे और मीरा में कोई भी गलती करता तो माँ मुझे हि पीटती थी बचपन मे तो समझ नहीं आता था लेकिन बड़े होने पर भी माँ मेरे साथ ऐसा हि व्यवहार करती कुछ भी नये सामान लाती तो मीरा को देती मीरा मुझसे बड़ी थी तो सब समझती थी लेकिन मीरा मुझे बहुत प्यार करती थी एकबार मीरा ने पड़ोस के एक लड़की से लड़ाई कर दिया लड़की ने मीरा को एक थप्पड मार दिया मैंने उसे पकड लिया मीरा ने ईंट से लड़की का सर फोड़ दिया उसकी माँ ने मम्मी से कहा  बस माँ मुझे पिटने लगी मैंने माँ से कहा मेरी गलती नहीं है पहले उसने मुझे मारा फिर मैंने मीरा ये सुनके रोने लगी माँ ने मेरे कपड़े उतार दिए और मुझे तबतक पीटा जबतक मीरा ने उनका हाथ न पकड़ लिया मीरा ने कहा माँ मैंने मारा था उसे मारना है तो मुझे मारो मैंने कहा नहीं माँ माँ ने मेरे नंगी पीठ पे फिर 2-3 छडी लगाया और अपने रूम में चली गई मैं बैठ के रोने लगी मीरा भी रो रही थी मेरे पास आई और मुझे रूम में ले गयी मेरे पुरे शरीर पे छडी के निशान थे मीरा उसे देखके और रोने लगी मीरा बोली आशा तुमने माँ को ये क्यों नहीं बताया कि झगड़ा तुमने नहीं मैंने किया मैंने कहा क्या फर्क पड़ता दीदी मीरा बोली तुमने मुझे दीदी कहा मैं बोली दीदी को दीदी नहीं कहु तो क्या  माँ कहु मीरा ने मुझे बाहो मे भर लिया और मेरे गाल चुम लिये बोली आशा ये सब मेरे कारण हो रहा है मै अब नहीं रहुॅगी यहाँ मैं पापा से आज हि बात कर लुन्गी मैं बोली दीदी तुम चली जाओगी तो मैं कैसे जिन्दा रहुॅगी एक तुम ही तो हो जो मुझे समझती हो फिर मीरा बोली मुझसे नहीं देखा जाता तेरा दुख मैं बोली दीदी बहुत जलन हो रही है कोई दवा लाओ न मीरा बोली ठीक है तु आराम कर मीरा विद्यालय में जा रही थी अंकल से पैसे लेने अंकल रास्ते में हिं मिल गये मीरा ने अंकल को सब बता दिया मीरा बोली पापा आप जल्दी जाओ नहीं तो माँ फिर मारेगी उसे मीरा ने डाक्टर से दवा लिया और जिस लड़की को मारा था उसके घर चली गई जा के बोली कंचन जब तुम्हें मैंने मारा तो तुमने आशा का नाम क्यों लिया मेरी बहन मर रही है कंचन बोली मैंने तो तुम्हें हि कहा था तुम रो क्यों रही हो मीरा बोली मेरी बहन मर जायेगी और वहाँ से चल दी अंकल आते हि मेरे पास आए मैं दर्द से तडप रही थी मैं बिल्कुल नंगी थी मैं अंकल से लिपट गई अंकल ने मुझे चुमा और कहा सब ठीक हो जायेगा फिर अंकल मुझे निहारने लगे मेरी चुचीयाॅ जो 30 की थीं अंकल उसे घुर रहे थे मैंने देखा तो अंकल झेंप गये फिर अंकल मुझे सहलाने लगे और बोले अभी दवा आ रहा है अब अंकल मेरी चुचीे सहला रहे थे फिर मैं बोली अंकल ये क्या कर रहे है अंकल मेरी चुची पकड़ के बोले क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है मैं बोली अच्छा लगा रहा है अंकल अब उन्होंने मेरी चुची मुँह में ले ली तब तक मीरा दवा ले के आ गई मीरा ने अंकल को मेरी चुची चुसते हुए देखा तो मीरा ने मेरे उपर चादर फेंक दिया और अंकल से बोली पापा आप जाओ यहाँ से अंकल बोले ला मैं दवा लगा देता हुॅ मीरा बोली नहीं मैं लगा लुॅगी आप पहले बाहर जाये अंकल चले गये मीरा अब भी रो रही थी मीरा ने पानी लाया और दवा खिलाई और बोली पापा को डाँटना चाहिये था न और मेरी चुची दबा के हॅस दी तबतक कंचन अपनी दीदी के साथ आ गई कंचन मेरी पक्की सहेली थी उसने मुझे देखा तो सिहर गयी रोते रोते वो बोली आशा मुझे माफ कर दो उसकी दीदी मेरे शरीर पे दवा लगाने लगी मुझे बहुत जलन हो रहा था तो कंचन बोली  दीदी इसे दुध पिला दो न जैसे मुझे पिलाती हो इसे आराम मिलेगा उसकी दीदी ने अपना ब्लाउज खोल दिया और मेरे मुँह में अपनी चुची डाल दी बोली तुम दूध पियो मैं तबतक तुम्हें दवा लगा देती हुॅ दीदी का नाम कुसुम था उनकी शादी  3 साल पहले हुई थी उनका एक बेटा था 6 महीने का मैं दीदी के दूध पी रही थी मीरा ने मुझे दवा लगा दिया अब दीदी ने कहा चलो हो गया अब दूध छोड़ बेटे को भी पिलाना है मैंने नहीं छोड़ा तो कंचन बोली पीने दो न दीदी तब तक अंकल आ गये अंकल को देख के कुसुम शर्मा गई अंकल बोले दवा लग गया मीरा बोली हाॅ आप बाहर जाओ अंकल आ के मेरे पास बैठ गये और बोले ठीक हो बेटी मैंने कहा हाॅ तब तक कुसुम अपना ब्लाउज उठा ली पहनने के लिए अंकल ने कुसुम को पीछे से पकड़ लिया बोले पहले मेरी बेटी को दूध पिलाओ और कुसुम दीदी की चुचीयाॅ दबा दी कुसुम दीदी शर्मा गई  अंकल बोले पिलाओगी न दीदी बोली हाॅ पिला देती हुॅ मीरा बोली पापा आप क्या कर रहे है बाहर जाइये अंकल ने कुसुम दीदी की गांड दबा दी और बोले अच्छे से पिलाना और चले गये मैंने कहा दीदी अंकल भी तुम्हारा दूध पियेन्गे कंचन बोली ठीक है क्यों दीदी मीरा बोली पागल हो क्या तुम सब दीदी ने मीरा की चुची दबा दी बोली मीरा पिला देगी न अंकल को मीरा शर्मा गयी मीरा बोली धत् दीदी कंचन बोली तो फिर दीदी पिला देगी मीरा ने मेरी चुची पे हाथ रखके कहा पापा को आशा पिलायेगी हम सब हॅसने लगे मैंने कहा अंकल को पसंद कुसुम दीदी का है कुसुम दीदी बोली ठीक है मैं पिला दुॅगी मीरा ने मेरी चुची दबाते हुए कहा तुम्हारा भी कम पसंद नहीं पापा को कंचन बोली ठीक है हम चारों पिलाॅएगे फिर कुसुम दीदी मेरी चुची पकड़ ली बोली अंकल को अच्छे से दूध पिलाना कुसुम ने मीरा की चुची पकड़ ली मीरा ने उसकी फ्राक निकाल दी तो कुसुम ने भी मीरा कि फ्राक निकाल दी और दोनों एक दूसरे की चुचीयाॅ दबाने लगे तबतक अंकल फिर से आ गये उन्होंने कुसुम दीदी को पीछे से पकड़ लिया और उसकी चुची दबाने लगे कुसुम दीदी बोली छोडिए न अंकल घर जाना है तो अंकल बोले मुझे कब पिलाओगी कुसुम दीदी बोली कल अंकल ने फिर कंचन की चुची पकड़ ली कंचन बोली अंकल कल आउॅगी तो अंकल ने उसे भी छोड़ दिया अब अपना हाथ उन्होंने मीरा की चुची पर रखा मीरा बोली पहले माँ को करो पापा फिर हम सब तैयार हैं मैं भी बोली हाॅ अंकल कुसुम दीदी बोली अंकल सिर्फ हमारा हि पकड़ना है या अपना भी पकड़वाना है और दीदी ने अंकल का लंड पकड़ के मसले दिया फिर दीदी बोली ऑटी को आज खिला दीजिए इसे चाहे कितना भी रोए अंकल बोले ठीक है मैं बोली हाॅ अंकल आज अगर आप उसे सजा देंगे तो वो सुधर जायेगी अंकल बोले आज तो मैं उसे चोदने हि आया था लेकिन उसका दरवाजा बंद है मीरा तुम उसे बाहर निकालो मीरा बोली ठीक है पापा कुसुम ने अंकल को किस किया बोली मैं कल आती हुॅ  फिर वो चले गये मीरा ने माँ से कहा माँ  दरवाजा खोलो माँ ने अंदर से पुछा क्या काम है मीरा खोलो न माँ ने जैसे हि दरवाजा खोला अंकल ने उसे पकड़ लिया और 3-4 थप्पण मार दिए अंकल ने उसका ब्लाउज फाड़ दिया और बोले साली रंडी क्यों मारा मेरी बेटी को और माँ की चुचीयाॅ दबाने लगे माँ फिर माँ को एकदम नंगी कर दिया माँ बोली माफ कर दो अंकल माँ को मार भी  रहे थे माँ बोली मैं खुद चुदवा रही हुॅ तो मार क्यों रहे हो अंकल बोले उस रूम मेरी जा रंडी जल्दी से और जाके मेरी बेटी से माफी माँग माँ मेरे रूम में  आई और मुझे बोली मुझे माफ कर दे गलती हो गई  अंकल ने उसकी गांड पर जोरों से एक छडी मारा और बोले चल साली रंडी पैर पकड़ उसके माँ मेरे पैर पकड़ ली अंकल ने अपने लंड में वेसलीन लगाया और माँ की गांड में  एक जोर का धक्का मारा अंकल का सारा लंड माँ की गांड में चला गया माँ ने मेरे पैर की ऊॅगली अपने मुँह में लेकर चुभलाने लगी अंकल अब जोर से धक्के लगा रहे थे माँ ने मेरी  तरफ देखा और मैं मुस्करा दी माँ भी हॅस दी मीरा ने कहा क्यों माँ मजा आ रहा है माँ बोली हाॅ बेटी बहुत मजा आ रहा है अंकल ने अपना लंड उसके गांड से निकाला और माँ के। चुत मे डाल दिया बोले साली छिनार कितने लंड ली है तुम और यहाँ किसका लंड लेती है माँ बोली आपका लंड छोटा है इसलिए मुझे दर्द नहीं हो रहा महेन्द्र ने कहा था कि अगर दया चोदना चाहे तो चुदा लेना अंकल बोले महेन्द्र ने और कुछ नहीं बताया माँ बोली बताते हैं कि हमदोनो ने एकसाथ बहुत चुते चोदी है अंकल किसी का नाम लिया क्या माँ बोली नहीं बोलते है कि समय आने पर बताएँगे मीरा मेरे चुचीयाॅ दबा सहला  रही थी अंकल ने फिर माँ को बेड पे कुतिया बना दिया और माँ की गांड मारने लगे माँ ने मेरी एक चुची मुँह में भर ली और चुसने लगी माँ अब झड़ गई अंकल पे अपना लंड फिर से उसकी चुत में पेल  दिया और सटासट चोदने लगे अंकल बोले ललिता और क्या बोला महेन्द्र माँ बोली बोलते हैं कि अगर बेटियाँ भी चुदवाना चाहे तो उन्हें दया से ही चुदवानाफिर अंकल ने अपना लंड माँ की गांड में डाला और झड़ गये अब अंकल मेरे बगल में आकर लेट गये माँ उनका लंड चुसने लगी माँ ने मीरा को कहा बेटी आ जा तुझे लंड चुसना सिखाती हुॅ मीरा बोली पहले वादा करो आज के बाद आशा को नहीं मारोगी माँ बोली गलती करेगी तो पिटेगी हिंदी मीरा बोली नहीं माँ बचपन से मेरी की हुई गलती की सजा तुम आशा को देती आई हो जबकि आशा मुझसे छोटी होने के बावजूद ज्यादा समझदार है माँ तुम्हारे पैसे भी मैं हि चुराती हुॅ लेकिन तुम बिना सोचे समझे सिर्फ आशा को पीटती हो अंकल मेरी चुत सहला रहे थे और मेरी चुचीयाॅ चुस रहे थे माँ बोली ठीक आज से  नहीं मारूॅगी माँ रो रही थी तो मैंने माँ के आँसू पोंछे और बोली अभी चुदाई का आनंद लो माँ तुम पापा के अलावा कितनो से चुदी हो माँ बोली बहुतो से मीरा बोली माँ क्या हमारे उम्र तक तुम चुदी थी माँ बोली 14 की उम्र में पहली बार अंकल मेरी चुत चाट रहे थे माँ मीरा कि चुत चाटने लगी मीरा ने मेरी चुची दबा दी मैंने मीरा की तरफ देखा तो मीरा बोली क्यों आज माँ की सजा के बाद मजा आ रहा है न मैंने भी मीरा की चुची दबा दी और कहा कि हाॅ दीदी मीरा बोली ये तुमको क्या हुआ है जो बार बार दीदी बोली रही है मुझे अच्छा नहीं लगता अब अंकल ने अपनी एक ऊॅगली मेरी चुत में डाल दी मैं चिंहुक गयी माँ ने मीरा को 69 पोजिशन में ले लिया और दोनों एक दुसरे की चुत चाटने लगे अंकल मेरी चुत में ऊॅगली अंदर बाहर कर रहे थे मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था अंकल ने कहा कैसा लग रहा है बेटी मैं बोली मजा आ रहा है अंकल अब उन्होंने दुसरी ऊॅगली डाल दी मुझे बहुत दर्द हुआ अंकल ने अपना एक हाथ मेरी चुची पे रख दिया  और सहलाने लगे अंकल ऊॅगली भी अंदर बाहर जोरों से करने लगे मैं मजे में आ गई और झड़ गई अब अंकल ने कहा ललिता रानी जरा लंड चुसो आशा तैयार है माँ ने अंकल का लंड मुँह में ले लिया और उसे गीला कर दिया फिर मीरा ने अंकल का लंड पकड़ के मेरी चुत पे सेट किया और बोली पापा आराम से चोदना माँ बोली हाॅ दया आराम से हि चोदना क्योंकि आज मैंने बहुत मारा है इसे मैं बोली अंकल आप मेरी टेन्शन न ले अब अंकल ने मेरी बुर पे अपना लंड रगडना शुरू किया और अचानक एक जोर का धक्का लगाया मेरी चुत फट गई मैं जोर से चिल्लाई आहहहहहहहहहहहह माँ ने मेरे मुँह में  अपनी चुची डाल दी मैं रोने लगी अंकल कुछ देर रूक गये मुझे बहुत दर्द हो रहा था अंकल मेरी चुचीयाॅ दबाने सहलाने लगे फिर अंकल ने एक और धक्का लगाया और मैंने माँ की चुची में दाँत गड़ा दिए अंकल बोले बेटी अब पुरा चला गया है अब थोड़ा सा दर्द तो सहना हि पड़ेगा अब अंकल धीरे धीरे मेरी चुत में लंड अंदर बाहर करने लगे मीरा मेरी चुची चुसने दबाने लगी मुझे थोड़ा आराम मिला तो मैंने माँ की चुची चुसनी शुरू कर दी माँ ने अंकल से कहा अब इसे जोर जोर से चोदकर चुदाई का परमसुख प्रदान करें अंकल अब तेज चोदने लगे मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मजा आ रहा था माँ बोली मजा आया न बेटी मैंने माँ की चुची मुँह से निकाल दी और कहा हाॅ माँ बहुत मजा आ रहा है आहहहहह अंकल जोर से चोदो आहहहहहहहहहहह और मैं झड़ गई अब अंकल का लंड सटासट मेरी चुत में जा रहा था मीरा ने मुझे किस किया  बोली पहली चुदाई मुबारक हो मैंने कहा रूक तुम्हें बहुत उछल रही है अभी  अंकल तेरी मारेंगे तो पता चलेगा मीरा बोली पापा मुझे आराम आराम से चोदिएगा मैं अब नीचे से कमर उछाल रही थी अंकल बोले ललिता आशा आगे जा के बहुत बड़ी चुदक्कड बनेगी माँ बोली बेटी किसकी है हम सब हॅसने लगे अंकल का लंड छोटा था तो मुझे ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ था अंकल बोले लेकिन आशा बहुत बहादुर है तु जो इतना पिटाने के बाद भी इतना दर्द झेल गये अब अंकल झडने वाले थे माँ बोली चुत मे मत झड़ना तो मैं बोली अंकल अपना रस मुझे पिलाइए अंकल ने लंड मेरे मुँह के पास कर दिया मैं उनका लंड चुसने लगी माँ  मेरी खुनभरी चुत चाटने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर अंकल ने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मुँह को चोदने लगे मैं गांड उठा उठा के माँ के मुँह में चुत देने लगी फिर हमदोनो एक साथ झड़ गये माँ बोली बेटी पुरा चाट जाना ये अमृत है अब मीरा भी मेरे पास आ गयी मैंने मुँह से लंड निकाल दिया मीरा ने लंड को गप से मुँह में ले लिया और चुसने लगी मैंने मीरा कि चुची दबा दी और कहा चुस मीरा चुस अपने बाप का लंड जोर से चुस माँ ने मेरी चुत चाट के साफ कर दिया माँ बोली तुझे भी चुसवाउॅगी तेरे बाप का लंड माँ ने कहा कि तेरे पापा का लंड इनसे मोटा और लम्बा है फिर मैंने कहा अब अंकल ने कहा ललिता रानी  जरा मीरा को तैयार कर इसकी नथ भी उतार दुॅ माँ ने मीरा की चुत पे हाथ फेरा मीरा झड़ गयी थी माँ ने एक ऊॅगली उसकी चुत में डाल दी और बोली माल तैयार है फिर माँ ने दुसरी ऊॅगली भी डाल दी मीरा रोने लगी मैंने मीरा को कहा मीरा अगर तुम्हें डर लग रहा है तो रहने दे मीरा बोली नहीं मुझे भी चुदना है अंकल ने मीरा को कुतिया बना दिया बोले बेटी तुम अगर थोड़ा सा सह लोगी तो तुम्हें बहुत मजा आयेगा मीरा बोली मैं तैयार हुॅ पापा अंकल ने मीरा की चुत पर लंड रखा मैंने अंकल का लंड पकड़ लिया बोली पहले नथ की उतराई दो अंकल बोले क्या चाहिए मैं बोली आप इसे इतना आराम से चोदो कि मेरी दीदी को थोड़ा भी दर्द न हो अंकल बोले ठीक है तेरी दीदी को दर्द नहीं होगा उन्होंने माँ से वेसलीन लाने को कहा अंकल ने बहुत सारा वेसलीन अपने लंड पर लगाया मैंने अपनी ऊॅगली में वेसलीन लगा के मीरा कि चुत में डाल दी अब अंकल ने धीरे से अपना लंड मीरा की चुत में डाल दिया मीरा ने आहहहहह कि एक छोटी चीख दी अंकल रूक गये थे तो मीरा खुद बोली धक्का लगाने के लिए अंकल ने अब एक जोर का धक्का मारा मीरा की चुत फट गई मीरा रोई नहीं सिर्फ आहहह की आवाज की अंकल रूक गये थे मैं मीरा कि पीठ सहला रही थी मीरा ने कुछ देर बाद लंड की तरफ गांड को धकेला और बोली चोदिए न पापा अंकल धकाधक मीरा को चोदने लगे मीरा झड़ गई अंकल अब जोर से मीरा को चोद रहे थे मीरा आहहहहहह पापा आपका लंड कितना अच्छा है और चोदो पापा अपनी इस छिनार बेटी को आहहह पापा बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही चोदो पापा आहहहहह अंकल जोर से धक्के लगाते हुए हाँ बेटी तु मेरी रंडी है आहहहह बेटी तेरी चुत बहुत मुलायम है अंकल बोले मैं झड़नेवाला हुॅ मीरा बोली मैं भी पापा आप मेरी चुत में  हिं अपना रस गिराइए मैं  लेना चाहती हुॅ माँ बोली नहीं दया ऐसा न करना मीरा आहहहहह की आवाज के साथ झड़ गई अंकल ने अपना लंड निकाल के माँ की चुत में पेल दिया और 4-5 धक्को में झड़ गये मैंने मीरा को कहा दीदी तेरी चुत तेरे बाप ने फाड़ दी देख कितना खून बहुत रहा है मीरा बोली अगर अब से मुझे दीदी कहा तो मैं बात नहीं करूँगी मैं बोली प्लीज मीरा मीरा बोली नहीं मुझे अच्छा नहीं लगता मैं बोली ठीक है मैं भी तुझसे बात नहीं करती मीरा बोली ठीक है लेकिन मेरे पापा को भी तुझे पापा कहना होगा मैं बोली नहीं माँ अंकल के साथ 69 स्टाइल में लंड चुस रही थी और चुत चटवा रही थी फिर अंकल ने माँ को 45 मिनट चोदा माँ 3 बार झड़ गई अंकल भी माँ की चुत में झड़ गये अंकल बोले ललिता अब भोजन की तैयारी करो माँ कपड़े पहनने लगी तो अंकल बोले आज से हम सब नंगे रहेंगे माँ बोली नहीं सब बदनाम हो जाएंगे।आगे की कहानी अगले पार्ट मे।

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