गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

रिक्शावाले का मनमोहक लंड

मेरा नाम गुड़िया है मैं 30 साल की हुॅ मेरी शादी हो चुकी है मेरे पति बिजनेसमैन हैं।मैं गोरी चिकनी हुॅ मेरे चुतड बाहर की तरफ निकले हुए हैं मेरी चुचीयाॅ 34 की हैं
अब कहानी पर आते हैं ये आज से करीब 8 साल पहले कि घटना है जब मैं 22 की कच्ची कली थी मैं रिक्शे से कालेज जाती थी कालेज बस्ती से दूर था उधर सुनसान रहता था एकदिन मैं कालेज जा रही थी रास्ते में मुझे पेशाब लगी मैंने बहुत बर्दाश्त किया फिर रिक्शेवाले को बताया रिक्शेवाले ने रिक्शा रोक दिया और कहा कर लो मैं शर्मा रही थी क्योंकि अगर मैं पेशाब करतीं तो मेरी गांड या चुत में से कोई एक रिक्शावाला जरूर देखता मैं चुपचाप खड़ा रही तो रिक्शावाले ने कहा मैडमजी जल्दी करो मैं बोली आप उधर देखो रिक्शावाला उधर घुम गया मैं सलवार की डोरी खोलने लगी लेकिन जल्दीबाजी मे डोरी और जोर से बंध गई मैंने पुरी कोशिश की लेकिन जब नहीं खुली तो मैं बेचैन थी अब लग रहा था कि सलवार गिली हो जाएगी रिक्शावाला बोला क्या हुआ मैडम मैं बोली डोरी नहीं खुल रही है रिक्शावाला बोला मैं मदद कर दु मैं शर्मा गई बोली हमममम रिक्शावाला आके मेरे पास बैठ गया और डोरी खोलने लगा जब हाथ से नहीं खुला तो उसने अपने दाँत से डोरी खोल दी मुझे जोर से पेशाब लगी थी तो मैं सलवार पैन्टी नीचे करके बैठ गई वो भी मेरे पास बैठ गया मैं जोरों से पेशाब कर रही थी उसने अपनी एक ऊॅगली मेरे पेशाब की धार पे रखी और उसे तपाक से मुँह में ले के चाट लिया बोला मैडमजी आपके बुर का पानी टेस्टी है और अपनी हथेली मेरे चुत पर रख दी मैंने जल्दी से पेशाब किया और खड़ी हो गई उसने मेरी कमर पकड़ ली और चुत पे अपनी जीभ रख दिया मैंने कहा क्या कर रहे हो बोला मैडम थोड़ा चाटने दो ना मैंने मना कर दिया वो उठ गया बोला क्यों मैडम अपनी बुरी पे इतना घमंड क्यों करती हो और मेरी गांड दबा दी मैं बोली ये क्या कर रहे हो चलो जल्दी फिर उसने अपना लंड निकाला और मेरा हाथ पकड़ के उसपे रख दिया और अपना लंड हिलाने लगा मैं शर्म से अपना चेहरा दूसरी तरफ कर ली और कहा प्लीज छोडो मेरा हाथ आप जो कर रहे हैं गलत है वो बोला ठीक है मैडम जैसी आपकी इच्छा और मेरा हाथ छोड़ दिया मैं आ के रिक्शे में बैठ गई वो भी आकर रिक्शा चलाने लगा मैं उसीके बारे मे सोच रही थी वो साॅवला था लेकिन गुड़ लुकिन्ग था मैं उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी कैसे उसने अपना हाथ मेरी चुत पे रख दिया मुझे क्यों अच्छा लगा था उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था मेरे मन में लंड का ख्याल आते हि मैं पनिया गई वो बोला मैडम आपका नाम मैंने कहा गुड़िया आपका वो बोला शम्भु बोला मैडम एक बात पुछु मैं बोली हाॅ पुछो बोला आपका साईज क्या है मैं बोली ये कैसा सवाल है आप तो बदतमीजी कर रहे हैं आपने उस समय मेरे उसपे हाथ रख दिया फिर मेरा हाथ अपने उसपे रख दिया शम्भू बोला माफ करो मैडम मैंने पहली बार चुत देखा तो सोचा महसूस कर लूँ क्यों आप तो बुरा मान गईं मैं बोली ठीक है माफ किया आपने पहले कभी नहीं देखा वो बोला देखा हुॅ मैडम लेकिन दूर से मैं बोली किसका वो बोला अपनी माँ की बुर मैं बोली आप कितने गंदे हैं फिर वो बोला मैडम बताओ न साईज मैंने झुठ बोल दिया  कि 28 वो बोला क्यों झुठ बोल रही हो मैडम आपकी चुची 32 की होगी मैं बोली आप कैसे कह सकते हैं मैं मजे ले रही थी उसकी बातों का उसने रिक्शा रोक दी और मेरी चुचीयाॅ पकड़ के कहा मैडम 32 हि हैं मैंने कहा छोडो ये कर रहे हो उसने कुछ देर मेरी चुचीयाॅ दबाई फिर कहा मैडम आपकी चुचीयाॅ तो काफी टाईट हैं आप किसी से दबवाती नहीं मैं बोली नहीं ये बताओ तुम्हें कैसे लगा 32 हि है वो बोला मेरी माँ की चुचीयो  से मैं बोली क्या वो तुमसे दबवाती हैं वो बोला रात को सोते समय हाथ में पकड़ के देखता था मैं बोली ठीक है चलो फिर हम कालेज आ गये मैंने उतर के उसको भाडा दिया और कालेज चली गई कालेज में दिनभर उसके बारे में सोचती रही कि उसका लंड कितना बडा है मेरी चुचीयाॅ दबाई तो मुझे कितना मजा आया मेरी बुरी पानी छोड़ देती मैंने सोचा इसे थोड़ा आगे बढने देती हुॅ जब मैं कालेज से निकली तो मैं उसे ढुॅढ रही थी वो किसी और लड़की को बैठा के ले जा रहा था मैं निराश हो गई फिर मैं दूसरे रिक्शे से बैठ के घर आ गई रातभर उसके बारे में सोचके नींद नहीं आई सुबह कालेज के लिये निकली तो वो दिख गया मैं उसके रिक्शे पर बैठ गई जब बस्ती खत्म हुई तो मैं बोली आज आप बात नही कर रहे वो बोला आपने लंड देखा है मैं बोली हाॅ वो बोला किसका मैंने कहा आपका वो बोला मेरा नाम शम्भु है आप मुझे नाम से बोले फिर कहा मेरा लंड कैसा लगा मैंने कहा दिया कि अच्छा है वो बोला कही बैठ के बात करे मैं बोली नहीं कालेज जाना है वो बोला एकदिन छोड़ दो न और कच्चा रास्ता पकड़ लिया जंगल की तरफ का मैं बोली नहीं मुझे कालेज जाना है मैं मन मे खुश भी थी और डर भी रही थी वो बोला आप किसीकि चूदाई देखी हो मैं बोली हाॅ वो बोला किसकी मैंने कहा माँ और दीदी की वो बोला कौन चोदता है मैं बोली पापा और जीजु शम्भु ने कहा ठीक है फिर उसने एक जगह रिक्शा रोक दिया और हम आगे जाने लगे उसने मेरा हाथ पकड़ लिया मैंने एक रिक्शा देखा मैंने कहा शम्भु ये क्या है वो बोला चलो आज चुदाई दिखाता हुॅ हम आगे गये तो देखा एक अंकल लड़की को चोद रहे थे शम्भु बोला यही बैठ के देखे मैं बोली नहीं फिर शम्भु और मैं एकदम लड़की के पास गये शम्भु ने लड़की की पीठ सहला दी उसने मुस्करा के शम्भु की तरफ देखा अभी उस रिक्शेवाले अंकल ने शम्भु को ऐसा करते नहीं देखा फिर मैं और शम्भु एक जगह जा के बैठ गये शम्भु बोला चुची दिखाओगी मैं बोली नहीं उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया कहा दिखाओ ना मैंने कहा नहीं वो अब मेरी चुचीयाॅ दबा रहा था और मेरे कान चाट रहा था मुझे अच्छा लग रहा था उसने कहा कि तुम्हारे कालेज की बहुत लड़कियाँ यहाँ आ के चुदती हैं मैंने पुछा तुमने किसी को वो बोला हाॅ मैंने भी मैं बोली कब वो बोला यही कोई 2 दिन पहले मैं बोली अब तक कितनी लड़की वो बोला 2 मैं बोली मेरे कालेज की वो बोला हाॅ मैं बोली अच्छा तो कैसे पटाया वो बोला जैसे तुम्हें पटाया और मेरे होंठ चुसने लगा अब उसने जंगल में रखी एक चादर ली और उसे बिछा दिया और नंगा हो गया फिर उसने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया और कहा पसंद है मैंने लंड को सहला के कहा हममम अब उसने मुझे नंगा कर दिया और मुझे किस करने लगा फिर बोला आज तुम्हें चोदकर मजा आएगा फिर उसने मेरी चुचीयाॅ दबानी चुसनी शुरू की और मुझे चाटता भी था मैं बोली तुमने अपनी माँ को चोदा है वो बोला नहीं अब वो अपना एक हाथ मेरी चुत पे ले जा के सहलाने लगा और एक चुची चुसता रहा बोला एकबार एक ऑटी को भी चोदा था बहुत हाॅट थी मैं बोली कौन आन्टी शम्भु ने कहा वो तुम्हारे कालेज से हि आ रही थी बड़ी मस्त चुदवाती थी फिर उसने कहा लंड चुसोगी मैंने कहा नहीं फिर उसने कहा ठीक है फिर शम्भु ने अपने लंड पर थूक लगाया और कहा तुम ऊॅगली करती हो मैं बोली हाॅ  2-3 फिर शम्भु ने मेरी चुत पे लंड रखा और जोर से धक्का लगाया मैं चिल्ला उठी वो रूक गया और मेरी चुचीयाॅ दबाने चुसने लगा मैं बोली निकाल लो वो बोला जान बस 2 मिनट और फिर उसने 2-3 धक्के लगातार लगाया मेरी चुत फट गई मैं जोरों से चिल्लाने लगी वो मेरे होंठ चुसने लगा फिर उसने कहा कि बस अब मजे लो और मुझे धीरे धीरे चोदने लगा फिर बोला कैसा लग रहा है अब मैं बोली अब कुछ ठीक है बोला कि तुम एक जबर्दस्त माल हो मुझे अब मजा आ रहा था मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थी मैं बोली शम्भु अब तेज चोदो ना बहुत मजा आ रहा है शम्भु बोला ठीक है मेरी रंडी अब उसने अपने धक्के थोड़े तेज किये और कहा मेरी रंडी बनोगी मैं बोली हाॅ मैं तेरी रंडी हुॅ मैं गई आहहहहहहहहह और मैं झड़ गई अब उसने मुझे घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरी चुत में डाल दिया और जोरों से चोदने लगा बोला साली रंडी तेरी माँ चोदु कुतिया छिनार मजा आ रहा है तुझे चोदकर मैं बोली हाॅ रे भडवे तेरा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है बनाले मुझे अपने बच्चे की माँ बहुत मजा आ रहा है आहहहहह और जोर से चोदो शम्भु बोला तुम मस्त चुदवाती है उस आन्टी जैसे फिर मैं और शम्भु एक साथ झड़ गये मैंने शम्भु को बाहो में भर लिया और कहा मैं तुमसे बहुत प्यार करती हुॅ उसने मेरे कान में कहा गुड़िया सिर्फ लंड से प्यार करो चाहे वो किसी का भी होटल पता है मैं अपनी माँ की चुत के लिये लड़के को सेट किया हुॅ वो जैसे हि चोद लेगा मैं भी जाकर चोदुॅगा और फिर उसको खुब चुदवाऊॅगा फिर उसने मेरे गाली चुम लिया और बोला दूसरा लंड लेगी मैं बोली नहीं फिर हम एक दूसरे से लिपटे हुए सो गये मेरी नींद चुत चाटने से खुली  मैंने देखा तो एक लड़का मेरी चुत चाट रहा था मैं उठ के बैठ गई उसने मुझसे कहा क्यों मजा नहीं आ रहा मैंने कहा नहीं इधर एक लड़की शम्भु का लंड मुँह में लेकर ली मैंने शम्भु को जगा दिया वो लड़की लंड और जोर जोर से चुसने लगी शम्भु से उस लड़के ने कहा भाई इनको बोलो ये मुझसे चुदवा ले मैंने शम्भु को इशारे से मना कर दिया तो शम्भु ने कहा ये तुमसे नहीं चुदना चाहती तो वो बोला बस चुत का रस पिऊॅगा शम्भु बोला चटवा लो फिर उसने उस लड़की को अपने लंड पर बैठा दिया और लेकर पलट गया और जोर से धक्का दिया लड़की  चिल्ला पड़ी बोली धीरे से चोद ना फिर शम्भु बोला क्यों पहले नहीं चुदी बोली कि इस हरामी का लंड बहुत छोटा है फिर  शम्भु ने उसे खुब चोदा और दोनों झड़ गये इधर मैं भी झड़ गई फिर शम्भु ने अपना लंड निकाल के उस लडके को कहा चूस ले बहनचोद आजा मेरा लंड चुस फिर उस लड़की ने कहा आप भी इस लड़के से चुदवा ले इसका लंड भी छोटा है मैं बोली मैं बड़े लंड से चुदती हुॅ फिर शम्भु ने उस लड़के को पकड़ लिया और बोला थोड़ी देर चुसना मेरा लंड वो लड़का बोला वो ये सब नहीं करता फिर शम्भु ने उसे छोड़ दिया वो दोनों चले गये फिर शम्भु ने कहा गुड़िया रानी तुम मुझसे शादी करोगी  मैं बोली हाॅ फिर मैंने अपने बैग से एल्बम निकाला और उसे दिखाने लगी उसने जब मेरी माँ को देखा तो कहा यही तो वो आन्टी है जिसे मैंने चोदा था मैंने बताया ये मेरी माँ हैं उसने कहा मिलाओगी न मैंने हाॅ कह दिया फिर उसने मुझे एकबार और चोदा फिर लंड चुसवाया और बोला अब तेरी गांड की बारी है मैंने कहा कल मार लेना गांड फिर उसने मेरी गांड सहलाई फिर ऊॅगली डालने लगा जब मैं 3 ऊॅगली बर्दाश्त करने लगी तो उसने मेरे गांड में लंड डाल दिया और जोर से झटके देने लगा मैं दर्द के मारे चिल्ला पड़ी वो बोला बस गुड़िया आज से तुम चाहे जितने लंड लो तुम्हें सिर्फ मजा आएगा फिर मेरा दर्द कुछ कम हुआ और गांड में मुझे चुत से भी ज्यादा मजा आने लगा फिर उसने रगड के मेरी गांड मारी और झड़ गया इधर मैं भी 2 बार झड़ गई फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया मैं नहीं लेना चाहती थी तो कहा आदत डाल लो फिर मैंने खूब उसका लंड चुसा अब मैंने घड़ी देखी तो 2:30 बज गये थे हम चलने को तैयार हुए जब हम चल रहे थे तो एक लड़के ने मेरी गांड दबा दी फिर मैंने शम्भु को बताया बोला मजे लो फिर मैं आगे आई तो शम्भु ने एक औरत को बाहो में भर लिया तो उसके साथ वाले ने मेरी चुची दबा के कहा आती है क्या  मैं बोली नहीं उसने मुझे छोड़ दिया शम्भु ने उस औरत की चुत में लंड डाल दिया अब आदमी ने जाकर उस औरत की गांड मारनी शुरू की वो औरत दर्द और मजे से चिल्ला रही थी उसकी आदमी ने शम्भु से कहा अपने साथवाली को सेट करा दे शम्भु ने कहा आज हि उसकी नथ उतारी है फिर मैंने कहा कल से अकेले में मिलेंगे शम्भु ने कहा ठीक है फिर मैं घर आ गई  मेरी माँ सुनीता मेरे पास आईं और कहा बेटी तुझसे बात करनी है मैं बोली ठीक है बताओ माँ बोली हमारे मालिक ने तुम्हें पसंद किया है वो तुमसे शादी करना चाहते हैं मैंने कहा माँ वो तो 40 के ऊपर हैं माँ बोली तो उससे क्या हुआ बेटी हमें उसकी दौलत से मतलब हैं और उसे वारिश से फिर माँ ने मेरी चूची पकड़ के दबा दी फिर मैंने कहा ठीक है माँ सोचूॅगी अब आपको एक बात बताती हुॅ आज आपकी बेटी की चिड़िया ने दाना चुग लिया माँ ने मेरी सलवार खोल दी और कहा वाह बेटी तुमने तो अपने गोदाम में तहलका मचवा लिया माँ आपके यार ने चोदा माँ बोली कौन यार आज तक तुम्हारे पापा के अलावा 2 से ही चुदी हुॅ एक तेरे होनेवाले पति से और एक रिक्शावान से से मैं बोली माँ रिक्शावाला तुम्हें चोदना चाहता है माँ बोली ठीक है कल लेकर आओ उसे रात भर साथ में चूदेंगे बड़ी मस्त चोदता है वो रिक्शावाला मैं बोली हाॅ माँ उसका लंड बहुत लम्बा और मोटा है फिर रात में मैं अपने माँ के साथ नंगे सोई एक दूसरे की चुत चाटी और चुचीयाॅ दबा के झड़ गई माँ ने कहा फिर सुबह कालेज के टाइम मैं गई तो रिक्शावाला मेरा इंतजार कर रहा था हम चल दिये बस्ती से बाहर आते हिं मैंने रिक्शेवाले से कहा माँ को चोदोगे रिक्शावाला बोला ठीक है बुलाओ आन्टी को मैंने कहा आज रात रूम पे चलो फिर उसने कहा अभी कहाँ चलें मैंने कहा कालेज शम्भु बोला चुदाने नहीं चलोगी मैं बोली रात में चोद लेना वो बोला प्लीज चल ना मैं बोली वहाँ नहीं जाना है मुझे वो बोला मेरे रूम पे चलेगी मैं बोली कालेज से आने के बाद मैं जल्दी आ जाऊँगी फिर वो एक जगह रिक्शा रोक दिया बोला लंड चूस दे मैं बोली यहाँ वो बोला चुसना कुछ नहीं होता मैंने उसकी पैन्ट खोल दी और बैठ के उसका लंड मुँह में लेकर चुसने लगी तबतक एक रिक्शावाला जा रहा था उसमें मेरी सहेली श्वेता थी उसने मुझे देख लिया उसने रिक्शा रूकवा दिया और उसे पैसे देकर भेज दिया वो बुढा था तो चला गया श्वेता ने मेरे बाल पकड़ लिए कहा क्यों री रंडी क्या कर रही है शम्भु ने उसकी चुचीयाॅ पकड़ ली मैं उठ गई मैंने श्वेता का हाथ शम्भु के लंड पर रख दिया और कहा साली चुदना है तो जा चुद ले नखरे न कर तुम्हें जबरदस्त लंड दे रही हुॅ आज तक ऐसा लंड नहीं ली होगी श्वेता बोली नहीं मैं कुॅवारी हुॅ तुम्हें देखा तो सोचा रंगे हाथ पकड़ती हुॅ मैं बोली तो आज चुदवा ले वो शर्मा गई फिर मैंने कहा चल जंगल में मंगल करने शम्भु ने उसकी चुची दबाते हुए कहा मस्त माल है ये तो फिर श्वेता ने उसके लंड को दबा दिया मैंने श्वेता को नीचे बैठा दिया और शम्भु का लंड उसके मुँह में डाल दिया श्वेता उसे चुसने लगी मैंने श्वेता की टाप उतार दी शम्भु बोला चलो जंगल में फिर शम्भु ने हमें रिक्शे पर बैठाया और जंगल कि तरफ चल दिया मैंने श्वेता की ब्रा भी उतार दी और उसकी चुची मुँह में लेकर चुसने लगी एक हाथ से मैं उसकी चुची भी दबा रही थी जंगल में हम कल वाले जगह पर पहुँच गये वहाँ पहुँचकर मैंने श्वेता की जिन्स भी उतार दी और खुद नंगी हो गई शम्भु ने कहा गुड़िया तुम कुतिया बन जाओ और श्वेता की चुत चाटो मैंने श्वेता की चुत मुँह में भर ली शम्भु ने मेरी चुत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा मैंने श्वेता की चुत में ऊॅगली डाल दी श्वेता बोली दर्द हो रहा है मैंने कहा झुठी तेरी चुत चुदी हुई है वो बोली नहीं मैं केले और बैंगन से मुठ मारती हुॅ मेरी चुत खुली है क्योंकि माँ ने अपने डिल्डो से मेरी चुत खोल दी है मैंने कहा तेरी माँ चुदवाती है क्या बोली पापा तो विदेश रहते हैं तो माँ मेरे साथ फिर शम्भु ने मेरी चुत से लंड निकाला और श्वेता को चोदने लगा मैं बोली घुम के आती हुॅ मैं नंगे हि घुम रही थी मेरी नजर एक अंकल पर पड़ी जो एक लड़की को चोदना रहे थे फिर अंकल झड़ गये जब मैंने उनका लंड देखा तो वो शम्भु के लंड से भी मोटा था मैं उनके पास चली गई अंकल ने मुझे देखा तो मैं मुस्करा दी फिर मैं वहाँ से जाने लगी अंकल ने कहा क्यों कैसा है मेरा लंड मैं बोली बढ़िया अंकल बोले चुदोगी मैं बोली  पार्टनर के साथ हुॅ अंकल ने मुझे पकड़ लिया बोले ठीक है थोड़ी देर लंड चुस दो मैंने उनका लंड मुँह में ले लिया और चुसने लगी वो लड़की मेरी गांड चाटने लगी फिर अंकल ने मुझे कहा चुदवा लो मैंने ना कहा दिया और वहाँ से चल दी इधर आई तो शम्भु श्वेता की गांड मार रहा था मैं आई तो शम्भु ने लंड मेरे मुँह में डाल दिया मैं चुसने लगी अब उसने लंड निकाल के श्वेता की गांड मारनी शुरू की श्वेता मस्ती में थी मैंने शम्भु की गांड चाटनी शुरू की शम्भु ने जल्दी ही अपना वीर्य छोड़ दिया और लेट गया अब मैंने श्वेता की गांड में मुँह लगा दिया श्वेता की गांड चाटने के बाद मैंने शम्भु का लंड मुँह में लेकर चुसने लगी इधर श्वेता मेरी गांड चाटने लगी शम्भु ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरे चुत में लंड डाल दिया थोड़ी देर बाद शम्भु मेरी गांड मारने लगा श्वेता शम्भु की गांड चाटने लगी शम्भु अब जोर जोर से धक्के लगाने लगा मैं झड़ गई शम्भु लगातार धक्के लगाता रहा मैं मजे में थी श्वेता उसकी गांड में ऊॅगली कर रही थी शम्भु बोला आज बहुत मजा आया फिर मैं और शम्भु एकसाथ झड़ गये फिर श्वेता ने मेरी गांड चाटी मैं शम्भु का लंड चुस रही थी शम्भु बोला क्यों मजा आया हमने कहा बहुत मजा आया श्वेता बोली अब घर चलते हैं हम निकल गये फिर हमने श्वेता को उसके घर छोड़ा और शम्भु के घर गये वहाँ शम्भु ने कपड़े बदले और हम पैदल ही निकल गये रास्ते में हमने रिक्शा लिया और मेरे घर के पास उतर गये माँ ने रिक्शावाले को गले लगा लिया शम्भु बोला ऑटी मैं कबसे आपकी तलाश में था फिर उसने माँ को किस करना शुरू किया माँ ने उसका लंड पकड़ लिया और शम्भु रातभर हम माँ बेटी को चोदते रहा माँ ने उससे कहा एक जगह ड्राइवर का काम करोगे वो बोला मैं तो आटो चलाता हुॅ माँ ने कहा पैसे के साथ साथ हमारी चुदाई भी करना फिर माँ ने मेरी तरफ देखा और कहा कि आज इसकी कोर्ट मैरिज है फिर अंकल आये उन्होंने माँ की चुचीयाॅ दबा दी अंकल ने मेरी तरफ देख और मेरी चुत सहलाते हुए कहा कि ताला खुल गया मैंने कहा हाॅ  परसो खुलवाई अंकल फिर उन्होंने कहा कि अब मैं तेरा पति हुॅ मैं बोली ठीक है जी माँ बोली ये शम्भु है इसीने चोदा है इसे ड्राइवर बनालो अब फिर मेरे होनवाले पति ने कहा ठीक है लेकिन मुझे एक बच्चा चाहिए फिर ये जिससे चाहे चूदाये अब आगे की कहान बाद में हम तैयार हो गये.
Mere pati ne rikshaw driver se kaha nko chodna hi tumhara sbse bda kam hai shambhu ne meri blouse utar dia aur seth ka hath meri chucio pr
Rkh dia uncle ne meri chuchia dbate hue j 

रविवार, 12 फ़रवरी 2017

दीदी और उसकी दोस्तों का चुदाई गेम

मेरा नाम राज है मैं 12वीं मे पढ़ता हुॅ मैं 17 साल का हुॅ मेरी दीदी का नाम नूतन है दीदी 22 साल की है दीदी बैंकिंग की तैयारी करती हैं मेरी दीदी मोटी है उसकी चुचीयाॅ 34 साईज की है दीदी बहुत सुंदर हैं।
एकबार दीदी की बैंकिंग की परीक्षा दुसरे शहर में थी दीदी की तबियत  खराब थी तो घरवालो ने मुझे दीदी के साथ जाने को कहा हम परीक्षा से 3 दिन पहले ट्रेन से जा रहे थे ट्रेन रात में 8:30 बजे पहुँचती थी लेकिन उस दिन ट्रेन 11 बजे पहुँची हम दोनों भाई बहन उतर गये मैंने एक आटो लिया और उससे  कहा हमें किसी होटल में ले चलो वो हमें 2-3 होटल ले गया लेकिन कहीं खाली न था फिर  हमने कहा कि हमें स्टेशन छोड़ दो आटोवाला बोला स्टेशन पर रात को लफंगे रहते हैं और ठंढ का दिन भी है आप लोग मेरे रूम पे चलें मैंने दीदी की तरफ देखा दीदी ने हाॅ कर दिया वो हमें अपने रूम पे ले गया उसके रूम में डबल बेड का पलंग था फिर हमने खाना खाया जो हम साथ ले के गये थे और आटोवाला जिसका नाम दिनेश था उसे भी खिलाया फिर हम सोने के लिये बेड पे गये तो पहले दीदी फिर मैं और फिर दिनेश सोये हम तीनों आपस में सटे हुए थे ठंढ बहुत ज्यादा थी मैं और दिनेश सिर्फ कच्छे में सोये थे दीदी को ठंडा लग रहा था दीदी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया उसकी चुचीयाॅ मेरे पीठ में गड़ रहीं थी वैसे दीदी घर पर भी मेरे साथ  ऐसेहि सोती थी फिर दीदी ने मुझसे कहा भाई मुझे बुखार है बहुत ठंड लग रही है मैंने दीदी को उठके दवा दी फिर दीदी को बीच में सुला दिया अब दीदी हम दोनों के बीच थी दीदी को फिर भी ठंड लग रही थी मैंने दीदी को पकड़ लिया और दीदी ने दिनेश को फिर दिनेश ने दीदी की तरफ मुँह कर दिया और दीदी को जोर से पकड़ लिया दीदी ने भी दिनेश को पकड़ लिया दिनेश दीदी कि पीठ सहलाने लगा दिनेश ने दीदी को कहा और ठंड लग रही है दीदी ने कहा अब अच्छा है फिर दिनेश ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा नूतन को जोर से पकडो
पकडो मेरी  हाथ दीदी के चुची पे रख दिया दिनेश ने अपना हाथ दीदी की गांड पर रख दिया और सहलाने लगा दिनेश का हाथ मेरे लंड पे लगा उसने मेरा लंड पकड़ लिया और जोर से दबा दिया दीदी ने कहा ऐसे ही करो अब दिनेश दीदी की गांड दबा भी देता था दीदी ने कुछ नहीं कहा तो मैंने भी दीदी की चुची दबा दी फिर दीदी को कहा दीदी सीधी लेट जाओ न दीदी सीधी लेट गई अब मैंने दिनेश का हाथ पकड़ के दीदी की एक चुची पे रख दिया और एक चुची मैं दबाने लगा दिनेश भी चुची दबाने लगा फिर दिनेश बोला नूतन कैसी हो दीदी बोली अब ठीक हुॅ फिर दिनेश ने दीदी का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया और अपने होंठ दीदी के चेहरे  पे लगा  दिया अब वो दीदी के गाल चाट रहा था दीदी ने चेहरा मेरी तरफ किया मैंने दीदी के होंठ चुम लिया दीदी दिनेश का लंड दबाने सहलाने लगी दिनेश ने दीदी को कहा कैसा है दीदी बोली क्या कैसा है दिनेश ने कहा जो हाथ में पकड़ी हो दीदी शर्मा गई बोली धत् आप भी न मैंने कहा दीदी बता दो दीदी ने कहा ठीक है दिनेश बोला कभी ली हो दीदी बोली नहीं दिनेश ने दीदी की चुची दबाते हुए कहा आज लोगी मैं बोला आज दीदी की ठंड भगाते हैं दीदी बोली हममममम दीदी ने मेरा भी लंड पकड़ लिया दीदी ने दिनेश से को चुमना शुरू कर दिया दिनेश दीदी की चुत सहला रहा था अब मैंने अपना अंडरवियर खोल दिया और पुरा नंगा हो गया फिर मैंने दीदी की सलवार का नाडा खोल दिया दिनेश दीदी की सलवार उतारने लगा दीदी  ने अपने चुतड उठा लिया दिनेश बोला नूतन आज तुम्हारे चुत का ताला खोल देते हैं फिर तुम खुब चुदवाना दीदी बोली हममम ठीक है फिर मुझसे कहा भाई तुमने कभी  किया है मैंने कहा नहीं दीदी मैं दीदी की चुचीयाॅ दबा रहा था दिनेश दीदी की चुत चाटने लगा दीदी मेरा लंड हिला रहीं थी फिर दिनेश बोला चलो दुसरे रूम में चलते हैं दीदी ने कहा कि अब दुसरा रूम कहाँ है दिनेश ने लाईट जलाया और अपने आलमारी को घसकाया तो वहा एक गेट दिखा फिर उसने चाभी से गेट खोला मैंने दीदी को पुरा नंगा कर दिया फिर हम उस रूम के अंदर गये दिनेश ने हीटर चालु कर दिया फिर दिनेश ने प्रोजेक्टर पे गंदी मुवी लगा दी उसका रूम पुरा हाल था उसमें चार पलंग थे कुल मिलाकर शानदार रूम था दीदी ने कहा कि दिनेश तुमने पहले हमें इस रूम में क्यों नहीं लाया दिनेश ने दीदी को पकड़ लिया कहा नूतन मेरी जान अगर पहले इस रूम में लाता तो तुम्हें चोदना नहीं पाता दीदी ने पुछा कि तुमने चोदने के लिये हिं लाया है क्या मुझे दिनेश बोला हाॅ जान मैंने तुम्हें देखा तो सोचा ट्राई करता हुॅ इसिलिए तुम्हें होटल नहीं ले गया फिर दीदी को बेड पे फेंक दिया डनलप के गद्दे के कारण दीदी दीदी को मजा आया फिर दिनेश ने मेरा लंड पकड़  लिया बोला कि तेरी बहन के जैसे तेरा लंड भी मस्त है फिर दिनेश बोला चल तेरी दीदी को चोदते हैं फिर मैं और दिनेश बेड पे आए दीदी एक हाथ से अपनी चुची दबा रही थीं और दुसरे हाथ से चुत सहला रही थीं दिनेश दीदी को बोला नूतन आ हमारे लंड चुस दीदी ने मना कर दिया तो दिनेश ने दीदी की चुत में 2 ऊॅगली डाल दी दीदी दर्द से चिल्लाने लगी आहहहहहहह निकालो जल्दी दिनेश जल्दी जल्दी ऊॅगली अंदर बाहर कर रहा था मैं दीदी की चुचीयाॅ जोर जोर से मसलने लगा दीदी कराह रही थी दिनेश ने अब 3 ऊॅगली डाल दी बोला नूतन रानी लंड चुसोगी दीदी ने हाॅ कह दिया दिनेश अपनी ऊॅगली अंदर बाहर करने लगा मैंने दीदी के मुँह में लंड डाल दिया दीदी चुसने लगी मैंने दीदी का सर पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगा दीदी अभी भी  दर्द में थी फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया और दीदी से पुछा दीदी दुध पिलाओगी दीदी ने मेरा मुँह अपनी चुची से लगा दिया कहा चुसो मेरे भाई दिनेश ने कहा नूतन लंड चुसेगी दीदी ने हाॅ कहा दीदी ने मुझे कहा कि भाई थोड़ी देर मेरी चुत चाट जबतक मैं तेरे जीजा का लंड चुभती हुॅ दिनेश बोला तो क्या तु मुझसे शादी करेगी  दीदी हॅसते हुए बोली हाॅ अगर ये पसंद आया तो और उनका लंड मुँह में लेकर चुसने लगी दीदी की चुत ने पानी छोड़ दिया मैं चाटने लगा अब दिनेश ने मुझसे कहा साले साहब दीदी की नथ उतराई में क्या लोगे मैंने कहा दीदी की ननद और सास की चुत दिनेश बोला चलो दिया फिर दिनेश ने मेरा लंड पकड़ के कहा नूतन तुम्हारी सास ननदो के लिए लंड साॅलिड है न दीदी ने कहा एकदम परफेक्ट और हम तीनों हॅसने लगे फिर  दिनेश ने अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया दीदी को घोड़ी बना दिया मैंने दिनेश का लंड दीदी की चुत मे सटा दिया दिनेश ने एक धक्का लगाया  दीदी कराह उठी आहहहहहहहहह दिनेश कुछ देर रूक के दीदी की गांड सहलाने लगा फिर दीदी से बोला अब डालु जान दीदी बोली हममम फिर मैंने दिनेश को इशारा किया दिनेश ने एक जोर का धक्का लगाया दीदी तडपने लगी दीदी की सील टुट गई थीं दीदी की चुत ने खुन छोड़ दिया दिनेश रूक गया और मुझे बोला नूतन को लंड चुसाओ मैं दीदी के नीचे लेट गया बोला दीदी बस थोड़ा सा बर्दाश्त करो अब मैं दीदी की चुचीयाॅ चुसने दबाने लगा दीदी ने कहा भाई तुम मेरा कितना ध्यान रखते हो फिर बोली चलेगा तो तुझे बहुत सारी चुतो का ताला तोड़ना है फिर दीदी ने कहा भाई तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है लेकिन बहुत बड़ा और मोटा होने के कारण तुम्हारे जीजा का लिया दिनेश फिर एक जोर का धक्का लगाया और उसका पुरा लंड दीदी की चुत में चला गया दीदी को दर्द हुआ लेकिन वो हॅस दीदी बोली भाई तेरे जीजा का पुरा लंड ले ली फिर बोली दिनेश अब मेरी दर्द की परवाह न करते हुए चोदो मुझे अब दिनेश  ने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया बोला कल मेरी बहन भी परिक्षा के लिए आयेगी कल उसकी सील तुम तोड़ना बोला मेरी बहन रागिनी 21 साल की है पतली है साफ्ट है मक्खन जैसी दीदी बोली अगर चुदी हुइ तो दिनेश बोला वो गर्ल्स हाॅस्टल में पढ़ी है फिर दीदी ने कहा दिनेश अब मुझे तुम्हारा लंड बहुत अच्छा लगा रहा है जोर से धक्के लगाओ दिनेश ने दीदी को कुतिया बना दिया और सटासट लंड चोदने लगा तबतक उसके मोबाइल पर रिन्ग आया मैंने उसका मोबाइल लाकर उसे दिया उसने कहा रागिनी का हिं फोन है शायद आ गई स्टेशन रागिनी बोली भैया कहाँ हो मैं 1घंटे में पहुँच रही हुॅ दिनेश बोला ठीक है आ रहा हुॅ फिर दिनेश ने दीदी को जोर जोर से चोदना चालु किया दीदी झड़  गई फिर दिनेश ने अपना लंड निकाल लिया और दीदी को सीधा लेटा दिया फिर चुत में लंड डाल के चोदने लगा बोला नूतन मेरी बहन की चुत आज अपने भाई को दे देना चाहे जबर्दस्ती दीदी बोली ठीक है अब दिनेश झडने लगा उसने दीदी के गाल चुम लिया दीदी ने भी उसे बाहो में भर लिया दोनों ने कुछ देर एक दुसरे को चुमा फिर दिनेश चला गया अब मैंने दीदी की चुत में लंड डाल के जोर का धक्का दिया  दीदी को दर्द होने लगा दीदी बोली भाई तेरा लंड बहुत मोटा एवं बड़ा है आराम से करो मैंने फिर एक जोर का धक्का लगाया दीदी बोली मारेगा क्या बहनचोद फिर मैंने दीदी को जोर जोर से चोदना शुरू किया दीदी बोली भाई क्या तुमने कभी सोचा था ऐसा भी होगा मैंने कहा दीदी आपकी चुत हि ऐसी है फिर दीदी बोली भाई मैं  दिनेश से शादी करना चाहती हुॅ दीदी ने कहा कि इसकी बहन रागिनी मेरी दोस्त है मेरे साथ पढती थी मैं बोला तुम दिनेश को पहले से जानती हो दीदी बोली मिली नहीं लेकिन फोटो देखी हुॅ इसिलिए तो इसके रूम पे आई मैं इसके फोटो देखकर इसे पसंद करती थी रागिनी से तो तुम मिले हि हो मैं दीदी को चोदे जा रहा था मैं बोला हाॅ दीदी मैं भी उसे पसंद करता हुॅ  शायद वो भी दीदी बोली रागिनी मुझसे बोलती कि तुझे भैया से चुदवा दुॅगी तो मैं भी बोलती कि मेरे भाई तुझे चोदेगा हम दोनों यही चाहती थी मैं और नूतन एक साथ झड़ गये फिर हम एक दुसरे को चुमने लगे दीदी बोली भाई मुझे लगता है दिनेश भी मुझे जानता है और रागिनी ने हि उसे लेने भेजा है मैं बोला दीदी फिर मैं ही उल्लु बन गया दीदी बोली नहीं भाई आज तुम्हें एक नहीं 2 चुत दिलाऊॅगी रागिनी के चाचा कि लड़की प्रगति भी आ रही है वो भी हमारे साथ पढती थी भाई मैंने स्टेशन पर हि रागिनी को मैसेज कर दिया था कि तेरा भाई मिल गया आज खूब चुदाऊॅगी फिर दीदी ने अपना मोबाइल मुझे दिया और मेरा लंड चुसने लगी मैंने देखा तो उसमे रागिनी और प्रगति के बहुत मैसेज थे लिखा था क्यों नूतन भाई का लंड कैसा लगा दिनेश अपनी बहनों को लेकर आ गया दोनों ने रूम में आते हि दीदी को गले लगा लिया रागिनी बोली प्लान सक्सेस फिर दो नों मेरे पास आईं रागिनी ने आते हि मेरा लंड पकड़ लिया दिनेश बोला राज तेरी एक बहन के बदले दो बहन दे रहा हुॅ प्रगति थोड़ी दूर खड़ी थीं मैंने उसे पकड़ लिया वो शर्मा रही थी नूतन बोली शर्मा मत खुल के चुददिनेश ने मेरा लंड पकड़ लिया और प्रगति के हाथ में दिया प्रगति शर्म से अपने भाई से लिपट गई नूतन दीदी ने रागिनी को नंगा किया और उसकी चुत चाटने लगी दिनेश ने प्रगति को नंगा कर दिया और दोनों मेरे लंड के पास बैठ गये दिनेश ने एक हाथ से प्रगति की चुची पकड़ लिया और दुसरे हाथ से मेरा लंड दिनेश ने अब मेरा लंड मुँह में लेकर लिया और चुसने लगा फिर निकाल के प्रगति के मुँह में दे दिया अब प्रगति मेरा लंड चुसने लगी दिनेश उसकी चुचीयाॅ दबाने लगा फिर दिनेश रागिनी के पास गया और उसकी चुचीयाॅ दबाने लगा नूतन दीदी रागिनी की चुत में ऊॅगली अंदर बाहर कर रही थी रागिनी मजे से कहा रही थी खा जा मेरी चुत मेरे भाई की रंडी चुस जोर से और झड़ गई दीदी ने उसकी चुत चुसना छोड़ दिया और मेरे पास आ गई और मेरा लंड पकड़ लिया और रागिनी की चुत पे सेट किया दिनेश प्रगति और नूतन बोले नथ उतराई दो मैंने कहा क्या चाहिए प्रगति ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया दीदी ने दिनेश का लंड मुँह में ले लिया दिनेश ने कहा मुझे अपनी सासु को चोदना है मैंने कहा ठीक है चोद लेना दिनेश आ के मेरी गांड सहलाने लगा मैंने एक जोर का धक्का दिया रागिनी की चुत गिली होने के कारण उसे उतना दर्द नहीं हुआ और लंड भी कुछ अंदर तक गया रागिनी आहहहहहहह करने लगी बोली कि बहुत दर्द कर रहा है दिनेश मेरी गांड चाट रहा था दीदी और प्रगति रागिनी की चुचीयाॅ दबा चुसने रही थीं अब मैंने एक जोर का धक्का लगाया और रागिनी की चुत फट गई रागिनी रोने लगी अब दिनेश आया और रागिनी को सहलाने लगा बोला प्रगति जरा अपनी भाभी नूतन की गांड चाट गांड मारनी है प्रगति नूतन दीदी की गांड चाटने लगी अब मैंने लंड को बाहर खींचा और एक जोरदार धक्के के साथ लंड उसके चुत की जड़ तक पहुँचा दिया रागिनी छपपटाने लगी दिनेश उसकी चुचीयाॅ दबाने चुसने लगा मैं रूक गया और रागिनी के पेट सहलाने लगा रागिनी रो रही थी नूतन बोली थोड़ी देर बर्दाश्त कर मजा आएगा मैं रागिनी की तरफ देखने लगा मैंने दिनेश को हटा दिया और रागिनी के ऊपर सो गया और उसके होंठ चुसने लगा फिर रागिनी की आॅख आॅख मिला कर कहा निकाल लूँ वो बोली नहीं प्रगति बोली साली को मजा आ रहा है रागिनी ने मेरी तरफ देख के मुस्करा दिया और कहा अब करो मैंने धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया रागिनी मजे और दर्द से सिसकने लगी रागिनी बोली आप बहुत अच्छे हैं मैंने रागिनी को चुम लिया दीदी दिनेश का लंड चुस रही थीं और प्रगति दीदी की गांड चाट रही थी और ऊॅगली कर रही थी दिनेश ने दीदी को घोड़ी बनाया और अपना लंड उसकी गांड पे रख के एक जोर का झटका दिया उसके लंड का टोपा घुस गया दीदी दर्द से छटपटाने लगी फिर दिनेश ने एक और जोर का धक्का लगाया और दीदी आहहहह मर गई की आवाज के साथ गिर गई दिनेश भी उसके ऊपर गिर गया प्रगति और रागिनी एक साथ बोले भैया छोड़ दो प्रगति ने दीदी को सहलाया दीदी हिल डुल नहीं रही थी मैं अब रागिनी को तेज झटके दे रहा था प्रगति बोली रागिनी नूतन नहीं रही और रोने लगी दिनेश डर गया मैं और रागिनी वहाँ गये मैंने कहा डर मत दिनेश खुब जोरों से इसकी गांड मार प्रगति बोली तुम्हें शर्म नहीं आती ये दर्द से बेहोश है और तुम इसकी गांड मारने को बोल रहा है दिनेश दीदी को जोरों से चोदने लगा रागिनी ने कहा प्रगति दीदी साली रंडी तुम डरपोक है अगर अभी गांड मारेगा भैया तो इसे दर्द भी नहीं होगा और जब होश में आएगी तो इसकी गांड खुल चुकी होगी और इसे मजा आने लगेगा प्रगति बोली चुप हरामजादी छिनार खुद तो लंड पे डांस कर रही है और मैं मैंने प्रगति को पकड़ लिया बोला मेरी रंडी रानी गुस्सा मत हो प्रगति शर्म से मुझसे लिपट गई अब प्रगति ने रागिनी की गांड पे एक थप्पड लगाया  और बोली चल कुतिया बन जा रागिनी कुतिया बन गई प्रगति ने मेरा लंड मुँह में ले लिया थोड़ी देर चुसकर रागिनी की चुत में सटा दिया और बोली मेरी बहन को दर्द मत होने देना रागिनी बोली राज मेरी दीदी मेरा बहुत ख्याल रखती है मैंने अपना लंड रागिनी की चुत में डाल के धक्के देने लगा उसे फिर दर्द होने लगा मैं धीरे धीरे धक्के लगाये जा रहा था उधर नूतन दीदी कनमना रही थी आहहहह निकाल लो आहहहहहह प्रगति बोली कैसी है नूतन आराम है क्या दीदी दीदी बोली मैं तुमसे बात नहीं करती मेरी गांड फट गई आहहहहहहहहहह प्रगति रोने लगी दीदी बोली साली छिनार रो क्यों रही है अभी जब मेरा भाई तुझे चोदेगा तो रोना साली रंडी हमेशा नखरे करती है मैं खुश हुॅ पागल  मुझे अब मजा आ रहा है चल इधर आ तेरी चुत चाट दूं प्रगति बोली मैं दिनेश से चुसवाउॅगी अब दीदी मजे ले रही थी अपना गांड आगे पीछे कर रही थी इधर रागिनी ने कहा प्रगति दी जरा राज का गांड चाट जिससे ये जोर का धक्का लगाये प्रगति मेरी गांड चाटने लगी मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा रागिनी आहहहहह मैं तो गई की आवाज के साथ झड़ गई दिनेश ने कहा नूतन मैं तो डर गया था दीदी बोली जोर से चोदो ना मैं आ रही हुॅ दीदी भी झड़ गई  कुछ देर बाद फिर दीदी और दिनेश एकसाथ झड़ गये दीदी बोली प्रगति मेरी गांड बहुत जल रही है इधर मैं और रागिनी भी  झड़ गये फिर दिनेश ने मुझे 69 पोजिशन में लिया और कहा दोनों एक दूसरे की बहन का स्वाद लेते हैं फिर मेरा लंड मुँह में ले लिया मैं भी उसका लंड चुसने लगा कुछ देर दोनों ने एक दूसरे का लंड चुसा फिर दिनेश रागिनी के पास गया और उसकी चुत चाटने लगा मैं बेड पे लेट गया और दीदी की तरफ देखा दीदी बोली मेरे भाई अपनी बहन की गांड नहीं चाटोगे मैं दीदी की गांड चाटने लगा प्रगति बोली मैं चाय ला रही हुॅ दीदी ने कहा क्यों भाई मजा आया न तु न नहीं आना चाहता था आया तो फायदा हुआ कि नहीं तबतक प्रगति चाय ले के आई हम चाय पीने लगे दिनेश ने कहा राज को सारी बात बता दे दीदी ने कहा नहीं रागिनी बोली नहीं बता देते हैं प्रगति भी बोली हाॅ बता देते हैं

शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

मेरी नथ उतरी

आशा की चुदाई
मेरा नाम आशा त्रिपाठी है।मैं 36 साल की सुन्दर सेक्सी महिला हुॅ।मेरा साईज 36 36 40 है।मेरी शादी एक व्यापारी से हुईं है। मेरा परिवार संयुक्त परिवार है।मैं लंड की भुखी हुॅ ये कहानी मेरी नथ उतराई की है मेरी नथ मेरे विद्यालय के प्रिंसिपल जो की मेरी सहेली के पिताजी थे उन्होंने ही उतारी।
सहेली - मीरा उम्र-16
सहेली के पापा और प्रिंसिपल - दयानंद ओझा उम्र - 39
मेरी माॅ - ललिता उम्र - 38
मेरे पापा - महेन्द्र मिश्रा उम्र 41
मेरी बड़ी दीदी - नीलम उम्र -- 21
मेरी छोटी दीदी - रानी उम्र - 19
मैं - आशा उम्र- 15
कंचन - मेरी और मीरा की सहेली उम्र - 16
कुसुम - कंचन की दीदी उम्र 22
मेरी बहनों की शादी हो गई थी।ये आज से 21 साल पहले की घटना है मैं और मीरा बचपन से हि साथ रहते खाते पढते और सोते भी थे मीरा की माँ मीरा 2 साल की थी तो गुजर गई थी तो मेरी माँ ने हि उसको पाला पोसा।ऑटी के गुजरने के बाद अंकल हमारे यहाँ हि खाते थे मेरे पापा प्रोफेसर थे उनका तबादला दुसरी जगह था।अंकल हि हमारा ख्याल रखते थे।मेरे और मीरा में कोई भी गलती करता तो माँ मुझे हि पीटती थी बचपन मे तो समझ नहीं आता था लेकिन बड़े होने पर भी माँ मेरे साथ ऐसा हि व्यवहार करती कुछ भी नये सामान लाती तो मीरा को देती मीरा मुझसे बड़ी थी तो सब समझती थी लेकिन मीरा मुझे बहुत प्यार करती थी एकबार मीरा ने पड़ोस के एक लड़की से लड़ाई कर दिया लड़की ने मीरा को एक थप्पड मार दिया मैंने उसे पकड लिया मीरा ने ईंट से लड़की का सर फोड़ दिया उसकी माँ ने मम्मी से कहा  बस माँ मुझे पिटने लगी मैंने माँ से कहा मेरी गलती नहीं है पहले उसने मुझे मारा फिर मैंने मीरा ये सुनके रोने लगी माँ ने मेरे कपड़े उतार दिए और मुझे तबतक पीटा जबतक मीरा ने उनका हाथ न पकड़ लिया मीरा ने कहा माँ मैंने मारा था उसे मारना है तो मुझे मारो मैंने कहा नहीं माँ माँ ने मेरे नंगी पीठ पे फिर 2-3 छडी लगाया और अपने रूम में चली गई मैं बैठ के रोने लगी मीरा भी रो रही थी मेरे पास आई और मुझे रूम में ले गयी मेरे पुरे शरीर पे छडी के निशान थे मीरा उसे देखके और रोने लगी मीरा बोली आशा तुमने माँ को ये क्यों नहीं बताया कि झगड़ा तुमने नहीं मैंने किया मैंने कहा क्या फर्क पड़ता दीदी मीरा बोली तुमने मुझे दीदी कहा मैं बोली दीदी को दीदी नहीं कहु तो क्या  माँ कहु मीरा ने मुझे बाहो मे भर लिया और मेरे गाल चुम लिये बोली आशा ये सब मेरे कारण हो रहा है मै अब नहीं रहुॅगी यहाँ मैं पापा से आज हि बात कर लुन्गी मैं बोली दीदी तुम चली जाओगी तो मैं कैसे जिन्दा रहुॅगी एक तुम ही तो हो जो मुझे समझती हो फिर मीरा बोली मुझसे नहीं देखा जाता तेरा दुख मैं बोली दीदी बहुत जलन हो रही है कोई दवा लाओ न मीरा बोली ठीक है तु आराम कर मीरा विद्यालय में जा रही थी अंकल से पैसे लेने अंकल रास्ते में हिं मिल गये मीरा ने अंकल को सब बता दिया मीरा बोली पापा आप जल्दी जाओ नहीं तो माँ फिर मारेगी उसे मीरा ने डाक्टर से दवा लिया और जिस लड़की को मारा था उसके घर चली गई जा के बोली कंचन जब तुम्हें मैंने मारा तो तुमने आशा का नाम क्यों लिया मेरी बहन मर रही है कंचन बोली मैंने तो तुम्हें हि कहा था तुम रो क्यों रही हो मीरा बोली मेरी बहन मर जायेगी और वहाँ से चल दी अंकल आते हि मेरे पास आए मैं दर्द से तडप रही थी मैं बिल्कुल नंगी थी मैं अंकल से लिपट गई अंकल ने मुझे चुमा और कहा सब ठीक हो जायेगा फिर अंकल मुझे निहारने लगे मेरी चुचीयाॅ जो 30 की थीं अंकल उसे घुर रहे थे मैंने देखा तो अंकल झेंप गये फिर अंकल मुझे सहलाने लगे और बोले अभी दवा आ रहा है अब अंकल मेरी चुचीे सहला रहे थे फिर मैं बोली अंकल ये क्या कर रहे है अंकल मेरी चुची पकड़ के बोले क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है मैं बोली अच्छा लगा रहा है अंकल अब उन्होंने मेरी चुची मुँह में ले ली तब तक मीरा दवा ले के आ गई मीरा ने अंकल को मेरी चुची चुसते हुए देखा तो मीरा ने मेरे उपर चादर फेंक दिया और अंकल से बोली पापा आप जाओ यहाँ से अंकल बोले ला मैं दवा लगा देता हुॅ मीरा बोली नहीं मैं लगा लुॅगी आप पहले बाहर जाये अंकल चले गये मीरा अब भी रो रही थी मीरा ने पानी लाया और दवा खिलाई और बोली पापा को डाँटना चाहिये था न और मेरी चुची दबा के हॅस दी तबतक कंचन अपनी दीदी के साथ आ गई कंचन मेरी पक्की सहेली थी उसने मुझे देखा तो सिहर गयी रोते रोते वो बोली आशा मुझे माफ कर दो उसकी दीदी मेरे शरीर पे दवा लगाने लगी मुझे बहुत जलन हो रहा था तो कंचन बोली  दीदी इसे दुध पिला दो न जैसे मुझे पिलाती हो इसे आराम मिलेगा उसकी दीदी ने अपना ब्लाउज खोल दिया और मेरे मुँह में अपनी चुची डाल दी बोली तुम दूध पियो मैं तबतक तुम्हें दवा लगा देती हुॅ दीदी का नाम कुसुम था उनकी शादी  3 साल पहले हुई थी उनका एक बेटा था 6 महीने का मैं दीदी के दूध पी रही थी मीरा ने मुझे दवा लगा दिया अब दीदी ने कहा चलो हो गया अब दूध छोड़ बेटे को भी पिलाना है मैंने नहीं छोड़ा तो कंचन बोली पीने दो न दीदी तब तक अंकल आ गये अंकल को देख के कुसुम शर्मा गई अंकल बोले दवा लग गया मीरा बोली हाॅ आप बाहर जाओ अंकल आ के मेरे पास बैठ गये और बोले ठीक हो बेटी मैंने कहा हाॅ तब तक कुसुम अपना ब्लाउज उठा ली पहनने के लिए अंकल ने कुसुम को पीछे से पकड़ लिया बोले पहले मेरी बेटी को दूध पिलाओ और कुसुम दीदी की चुचीयाॅ दबा दी कुसुम दीदी शर्मा गई  अंकल बोले पिलाओगी न दीदी बोली हाॅ पिला देती हुॅ मीरा बोली पापा आप क्या कर रहे है बाहर जाइये अंकल ने कुसुम दीदी की गांड दबा दी और बोले अच्छे से पिलाना और चले गये मैंने कहा दीदी अंकल भी तुम्हारा दूध पियेन्गे कंचन बोली ठीक है क्यों दीदी मीरा बोली पागल हो क्या तुम सब दीदी ने मीरा की चुची दबा दी बोली मीरा पिला देगी न अंकल को मीरा शर्मा गयी मीरा बोली धत् दीदी कंचन बोली तो फिर दीदी पिला देगी मीरा ने मेरी चुची पे हाथ रखके कहा पापा को आशा पिलायेगी हम सब हॅसने लगे मैंने कहा अंकल को पसंद कुसुम दीदी का है कुसुम दीदी बोली ठीक है मैं पिला दुॅगी मीरा ने मेरी चुची दबाते हुए कहा तुम्हारा भी कम पसंद नहीं पापा को कंचन बोली ठीक है हम चारों पिलाॅएगे फिर कुसुम दीदी मेरी चुची पकड़ ली बोली अंकल को अच्छे से दूध पिलाना कुसुम ने मीरा की चुची पकड़ ली मीरा ने उसकी फ्राक निकाल दी तो कुसुम ने भी मीरा कि फ्राक निकाल दी और दोनों एक दूसरे की चुचीयाॅ दबाने लगे तबतक अंकल फिर से आ गये उन्होंने कुसुम दीदी को पीछे से पकड़ लिया और उसकी चुची दबाने लगे कुसुम दीदी बोली छोडिए न अंकल घर जाना है तो अंकल बोले मुझे कब पिलाओगी कुसुम दीदी बोली कल अंकल ने फिर कंचन की चुची पकड़ ली कंचन बोली अंकल कल आउॅगी तो अंकल ने उसे भी छोड़ दिया अब अपना हाथ उन्होंने मीरा की चुची पर रखा मीरा बोली पहले माँ को करो पापा फिर हम सब तैयार हैं मैं भी बोली हाॅ अंकल कुसुम दीदी बोली अंकल सिर्फ हमारा हि पकड़ना है या अपना भी पकड़वाना है और दीदी ने अंकल का लंड पकड़ के मसले दिया फिर दीदी बोली ऑटी को आज खिला दीजिए इसे चाहे कितना भी रोए अंकल बोले ठीक है मैं बोली हाॅ अंकल आज अगर आप उसे सजा देंगे तो वो सुधर जायेगी अंकल बोले आज तो मैं उसे चोदने हि आया था लेकिन उसका दरवाजा बंद है मीरा तुम उसे बाहर निकालो मीरा बोली ठीक है पापा कुसुम ने अंकल को किस किया बोली मैं कल आती हुॅ  फिर वो चले गये मीरा ने माँ से कहा माँ  दरवाजा खोलो माँ ने अंदर से पुछा क्या काम है मीरा खोलो न माँ ने जैसे हि दरवाजा खोला अंकल ने उसे पकड़ लिया और 3-4 थप्पण मार दिए अंकल ने उसका ब्लाउज फाड़ दिया और बोले साली रंडी क्यों मारा मेरी बेटी को और माँ की चुचीयाॅ दबाने लगे माँ फिर माँ को एकदम नंगी कर दिया माँ बोली माफ कर दो अंकल माँ को मार भी  रहे थे माँ बोली मैं खुद चुदवा रही हुॅ तो मार क्यों रहे हो अंकल बोले उस रूम मेरी जा रंडी जल्दी से और जाके मेरी बेटी से माफी माँग माँ मेरे रूम में  आई और मुझे बोली मुझे माफ कर दे गलती हो गई  अंकल ने उसकी गांड पर जोरों से एक छडी मारा और बोले चल साली रंडी पैर पकड़ उसके माँ मेरे पैर पकड़ ली अंकल ने अपने लंड में वेसलीन लगाया और माँ की गांड में  एक जोर का धक्का मारा अंकल का सारा लंड माँ की गांड में चला गया माँ ने मेरे पैर की ऊॅगली अपने मुँह में लेकर चुभलाने लगी अंकल अब जोर से धक्के लगा रहे थे माँ ने मेरी  तरफ देखा और मैं मुस्करा दी माँ भी हॅस दी मीरा ने कहा क्यों माँ मजा आ रहा है माँ बोली हाॅ बेटी बहुत मजा आ रहा है अंकल ने अपना लंड उसके गांड से निकाला और माँ के। चुत मे डाल दिया बोले साली छिनार कितने लंड ली है तुम और यहाँ किसका लंड लेती है माँ बोली आपका लंड छोटा है इसलिए मुझे दर्द नहीं हो रहा महेन्द्र ने कहा था कि अगर दया चोदना चाहे तो चुदा लेना अंकल बोले महेन्द्र ने और कुछ नहीं बताया माँ बोली बताते हैं कि हमदोनो ने एकसाथ बहुत चुते चोदी है अंकल किसी का नाम लिया क्या माँ बोली नहीं बोलते है कि समय आने पर बताएँगे मीरा मेरे चुचीयाॅ दबा सहला  रही थी अंकल ने फिर माँ को बेड पे कुतिया बना दिया और माँ की गांड मारने लगे माँ ने मेरी एक चुची मुँह में भर ली और चुसने लगी माँ अब झड़ गई अंकल पे अपना लंड फिर से उसकी चुत में पेल  दिया और सटासट चोदने लगे अंकल बोले ललिता और क्या बोला महेन्द्र माँ बोली बोलते हैं कि अगर बेटियाँ भी चुदवाना चाहे तो उन्हें दया से ही चुदवानाफिर अंकल ने अपना लंड माँ की गांड में डाला और झड़ गये अब अंकल मेरे बगल में आकर लेट गये माँ उनका लंड चुसने लगी माँ ने मीरा को कहा बेटी आ जा तुझे लंड चुसना सिखाती हुॅ मीरा बोली पहले वादा करो आज के बाद आशा को नहीं मारोगी माँ बोली गलती करेगी तो पिटेगी हिंदी मीरा बोली नहीं माँ बचपन से मेरी की हुई गलती की सजा तुम आशा को देती आई हो जबकि आशा मुझसे छोटी होने के बावजूद ज्यादा समझदार है माँ तुम्हारे पैसे भी मैं हि चुराती हुॅ लेकिन तुम बिना सोचे समझे सिर्फ आशा को पीटती हो अंकल मेरी चुत सहला रहे थे और मेरी चुचीयाॅ चुस रहे थे माँ बोली ठीक आज से  नहीं मारूॅगी माँ रो रही थी तो मैंने माँ के आँसू पोंछे और बोली अभी चुदाई का आनंद लो माँ तुम पापा के अलावा कितनो से चुदी हो माँ बोली बहुतो से मीरा बोली माँ क्या हमारे उम्र तक तुम चुदी थी माँ बोली 14 की उम्र में पहली बार अंकल मेरी चुत चाट रहे थे माँ मीरा कि चुत चाटने लगी मीरा ने मेरी चुची दबा दी मैंने मीरा की तरफ देखा तो मीरा बोली क्यों आज माँ की सजा के बाद मजा आ रहा है न मैंने भी मीरा की चुची दबा दी और कहा कि हाॅ दीदी मीरा बोली ये तुमको क्या हुआ है जो बार बार दीदी बोली रही है मुझे अच्छा नहीं लगता अब अंकल ने अपनी एक ऊॅगली मेरी चुत में डाल दी मैं चिंहुक गयी माँ ने मीरा को 69 पोजिशन में ले लिया और दोनों एक दुसरे की चुत चाटने लगे अंकल मेरी चुत में ऊॅगली अंदर बाहर कर रहे थे मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा था अंकल ने कहा कैसा लग रहा है बेटी मैं बोली मजा आ रहा है अंकल अब उन्होंने दुसरी ऊॅगली डाल दी मुझे बहुत दर्द हुआ अंकल ने अपना एक हाथ मेरी चुची पे रख दिया  और सहलाने लगे अंकल ऊॅगली भी अंदर बाहर जोरों से करने लगे मैं मजे में आ गई और झड़ गई अब अंकल ने कहा ललिता रानी जरा लंड चुसो आशा तैयार है माँ ने अंकल का लंड मुँह में ले लिया और उसे गीला कर दिया फिर मीरा ने अंकल का लंड पकड़ के मेरी चुत पे सेट किया और बोली पापा आराम से चोदना माँ बोली हाॅ दया आराम से हि चोदना क्योंकि आज मैंने बहुत मारा है इसे मैं बोली अंकल आप मेरी टेन्शन न ले अब अंकल ने मेरी बुर पे अपना लंड रगडना शुरू किया और अचानक एक जोर का धक्का लगाया मेरी चुत फट गई मैं जोर से चिल्लाई आहहहहहहहहहहहह माँ ने मेरे मुँह में  अपनी चुची डाल दी मैं रोने लगी अंकल कुछ देर रूक गये मुझे बहुत दर्द हो रहा था अंकल मेरी चुचीयाॅ दबाने सहलाने लगे फिर अंकल ने एक और धक्का लगाया और मैंने माँ की चुची में दाँत गड़ा दिए अंकल बोले बेटी अब पुरा चला गया है अब थोड़ा सा दर्द तो सहना हि पड़ेगा अब अंकल धीरे धीरे मेरी चुत में लंड अंदर बाहर करने लगे मीरा मेरी चुची चुसने दबाने लगी मुझे थोड़ा आराम मिला तो मैंने माँ की चुची चुसनी शुरू कर दी माँ ने अंकल से कहा अब इसे जोर जोर से चोदकर चुदाई का परमसुख प्रदान करें अंकल अब तेज चोदने लगे मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मजा आ रहा था माँ बोली मजा आया न बेटी मैंने माँ की चुची मुँह से निकाल दी और कहा हाॅ माँ बहुत मजा आ रहा है आहहहहह अंकल जोर से चोदो आहहहहहहहहहहह और मैं झड़ गई अब अंकल का लंड सटासट मेरी चुत में जा रहा था मीरा ने मुझे किस किया  बोली पहली चुदाई मुबारक हो मैंने कहा रूक तुम्हें बहुत उछल रही है अभी  अंकल तेरी मारेंगे तो पता चलेगा मीरा बोली पापा मुझे आराम आराम से चोदिएगा मैं अब नीचे से कमर उछाल रही थी अंकल बोले ललिता आशा आगे जा के बहुत बड़ी चुदक्कड बनेगी माँ बोली बेटी किसकी है हम सब हॅसने लगे अंकल का लंड छोटा था तो मुझे ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ था अंकल बोले लेकिन आशा बहुत बहादुर है तु जो इतना पिटाने के बाद भी इतना दर्द झेल गये अब अंकल झडने वाले थे माँ बोली चुत मे मत झड़ना तो मैं बोली अंकल अपना रस मुझे पिलाइए अंकल ने लंड मेरे मुँह के पास कर दिया मैं उनका लंड चुसने लगी माँ  मेरी खुनभरी चुत चाटने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर अंकल ने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मुँह को चोदने लगे मैं गांड उठा उठा के माँ के मुँह में चुत देने लगी फिर हमदोनो एक साथ झड़ गये माँ बोली बेटी पुरा चाट जाना ये अमृत है अब मीरा भी मेरे पास आ गयी मैंने मुँह से लंड निकाल दिया मीरा ने लंड को गप से मुँह में ले लिया और चुसने लगी मैंने मीरा कि चुची दबा दी और कहा चुस मीरा चुस अपने बाप का लंड जोर से चुस माँ ने मेरी चुत चाट के साफ कर दिया माँ बोली तुझे भी चुसवाउॅगी तेरे बाप का लंड माँ ने कहा कि तेरे पापा का लंड इनसे मोटा और लम्बा है फिर मैंने कहा अब अंकल ने कहा ललिता रानी  जरा मीरा को तैयार कर इसकी नथ भी उतार दुॅ माँ ने मीरा की चुत पे हाथ फेरा मीरा झड़ गयी थी माँ ने एक ऊॅगली उसकी चुत में डाल दी और बोली माल तैयार है फिर माँ ने दुसरी ऊॅगली भी डाल दी मीरा रोने लगी मैंने मीरा को कहा मीरा अगर तुम्हें डर लग रहा है तो रहने दे मीरा बोली नहीं मुझे भी चुदना है अंकल ने मीरा को कुतिया बना दिया बोले बेटी तुम अगर थोड़ा सा सह लोगी तो तुम्हें बहुत मजा आयेगा मीरा बोली मैं तैयार हुॅ पापा अंकल ने मीरा की चुत पर लंड रखा मैंने अंकल का लंड पकड़ लिया बोली पहले नथ की उतराई दो अंकल बोले क्या चाहिए मैं बोली आप इसे इतना आराम से चोदो कि मेरी दीदी को थोड़ा भी दर्द न हो अंकल बोले ठीक है तेरी दीदी को दर्द नहीं होगा उन्होंने माँ से वेसलीन लाने को कहा अंकल ने बहुत सारा वेसलीन अपने लंड पर लगाया मैंने अपनी ऊॅगली में वेसलीन लगा के मीरा कि चुत में डाल दी अब अंकल ने धीरे से अपना लंड मीरा की चुत में डाल दिया मीरा ने आहहहहह कि एक छोटी चीख दी अंकल रूक गये थे तो मीरा खुद बोली धक्का लगाने के लिए अंकल ने अब एक जोर का धक्का मारा मीरा की चुत फट गई मीरा रोई नहीं सिर्फ आहहह की आवाज की अंकल रूक गये थे मैं मीरा कि पीठ सहला रही थी मीरा ने कुछ देर बाद लंड की तरफ गांड को धकेला और बोली चोदिए न पापा अंकल धकाधक मीरा को चोदने लगे मीरा झड़ गई अंकल अब जोर से मीरा को चोद रहे थे मीरा आहहहहहह पापा आपका लंड कितना अच्छा है और चोदो पापा अपनी इस छिनार बेटी को आहहह पापा बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही चोदो पापा आहहहहह अंकल जोर से धक्के लगाते हुए हाँ बेटी तु मेरी रंडी है आहहहह बेटी तेरी चुत बहुत मुलायम है अंकल बोले मैं झड़नेवाला हुॅ मीरा बोली मैं भी पापा आप मेरी चुत में  हिं अपना रस गिराइए मैं  लेना चाहती हुॅ माँ बोली नहीं दया ऐसा न करना मीरा आहहहहह की आवाज के साथ झड़ गई अंकल ने अपना लंड निकाल के माँ की चुत में पेल दिया और 4-5 धक्को में झड़ गये मैंने मीरा को कहा दीदी तेरी चुत तेरे बाप ने फाड़ दी देख कितना खून बहुत रहा है मीरा बोली अगर अब से मुझे दीदी कहा तो मैं बात नहीं करूँगी मैं बोली प्लीज मीरा मीरा बोली नहीं मुझे अच्छा नहीं लगता मैं बोली ठीक है मैं भी तुझसे बात नहीं करती मीरा बोली ठीक है लेकिन मेरे पापा को भी तुझे पापा कहना होगा मैं बोली नहीं माँ अंकल के साथ 69 स्टाइल में लंड चुस रही थी और चुत चटवा रही थी फिर अंकल ने माँ को 45 मिनट चोदा माँ 3 बार झड़ गई अंकल भी माँ की चुत में झड़ गये अंकल बोले ललिता अब भोजन की तैयारी करो माँ कपड़े पहनने लगी तो अंकल बोले आज से हम सब नंगे रहेंगे माँ बोली नहीं सब बदनाम हो जाएंगे।आगे की कहानी अगले पार्ट मे।